Everything About नोयडा इस्कॉन मंदिर | Noida ISKCON Temple

भगवान श्री कृष्ण की पूजा आराधना उपासना के लिए आप दुनिया भर में भारत की भूमि पर कई विशेष प्रकार के मंदिर देख सकते हैं। आपको बहुत से ऐसे मंदिर संस्था मिल जाएंगे जो भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और भागवत गीता के सुंदर उपदेश के लिए जाने जाते हैं। भगवत गीता भगवान श्री कृष्ण से ही प्रेषित है। और यह हिंदुओं का सबसे बड़ा ग्रंथ भी है भगवत गीता के संदेश को दुनिया भर में पहुँचाने का काम किया जा रहा है। यह संदेश जिस संस्था के द्वारा पहुंचाया जा रहा है उसका नाम इस्कॉन संस्था है। इस्कॉन का पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी कृष्ण कॉन्शियस है। इस्कॉन पूरे देश दुनिया में आपको 1000 से ज्यादा केंद्र मिल जाएंगे। भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसमें 400 इस्कॉन मंदिर आप देख सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि इस्कॉन की शुरुआत कैसे हुई, इसकी स्थापना सबसे पहले कहां हुई थी। बहुत से ऐसे सवाल है जिनके बारे में आपको जानना बहुत जरूरी है। आईए जानते हैं नोयडा इस्कॉन मंदिर से जुड़े हुए पूरे इतिहास के बारे में और नोएडा इस्कॉन मंदिर की पूरी जानकारी..

श्री कृष्णा और राधा के प्रेम का प्रतीक ISKON

नोयडा इस्कॉन मंदिर में हिंदुओं का बहुत पवित्र आकर्षित वैष्णो मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक है और उन्हीं को ही यह मंदिर समर्पित है। नोएडा इस्कॉन मंदिर अगर आप घूमना चाहते हैं तो यह अग्रसेन मार्ग सेक्टर 33 उत्तर प्रदेश में आपको मिल जाएगा। यहां आकर आप इस मंदिर परिसर को देख सकते हैं मंदिर की पूरी देखरेख का काम इस्कॉन मंदिर की संस्था के द्वारा होता है। आप अगर इस्कॉन मंदिर में घूमने आते हैं तो यहां भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की अद्भुत अलौकिक सुंदर मूर्तियां आपको देखने को मिलेंगी।

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 यहां इस मंदिर की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण से की गई है। गीता का सुंदर उपदेश भी आप देख सकते हैं। उसकी एक सुंदर प्रति मूर्ति बनाई गई है जो कि इस मंदिर को बहुत ही खास और विशेष स्थान दिलाती है। आईए जानते हैं नोएडा इस्कॉन मंदिर की पूरे इतिहास के बारे में इस छोटे से ब्लॉग में पूरी जानकारी..

नोएडा इस्कॉन मंदिर बनावट

नोयडा इस्कॉन मंदिर एक छोटे से भूखंड पर बना हुआ विशेष प्रकार का मंदिर है। इस मंदिर में विशिष्ट तत्वों का समायोजन किया गया है उसके ऊपर सिद्ध मंदिर बनाया गया है। यह इस्कॉन मंदिर साथ मंजिल का बनाया गया है मंदिर के शिकार की ऊंचाई लगभग 160 फुट की है मंदिर में एक बड़ा मंदिर का कक्ष बनाया गया है इसके अलावा यहां एक सभागार, एक गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, शादी, जन्मदिन का प्रोग्राम, करने के लिए एक बड़ा हॉल, एजुकेशन के लिए हाल, एक आवश्यक विंग, रसोई घर, बेडरूम इत्यादि सुख सुविधा दी गई है। मंदिर परिसर के बाहर आप दुकान कार्यालय हाल सभी का प्रयोग कर सकते हैं।

इस्कॉन मंदिर की पूजा का विधान

इस्कॉन मंदिर में पूजा-पाठ बड़े विधि विधान के साथ किया जाता है। यहां पर आध्यात्मिक नियमों के अनुसार पूरे पूजा पाठ के प्रोग्राम को देखने के लिए प्रशिक्षित पुजारी रखे गए हैं। जो अपने आध्यात्मिक नियमों के अनुसार दिन प्रतिदिन उनकी पूजा आराधना आरती का काम करते हैं। नोएडा इस्कॉन मंदिर की खास बात यह भी है कि यहां प्रतिदिन 6 आरतियों से भगवान की आराधना की जाती है। उन सभी आरतीयो में मंगल आरती, धूप आरती, राजभोग आरती, संध्या आरती और अंत में शयन आरती की जाती है। इस्कॉन मंदिर में मुख्य मनाने जाने वाले पर्व में से जन्माष्टमी, रामनवमी, गौरी पूर्णिमा, राधा अष्टमी और गोवर्धन जैसे प्रमुख त्योहार इस मंदिर में बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

स्थापना

इस्कॉन मंदिर की स्थापना पूरे भारतवर्ष में जगह-जगह हो रही है। सबसे पहले इस्कॉन मंदिर के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद वृंदावन चले गए। वहां वह 16 साल रहने के बाद में अमेरिका चले गए। सन 1966 में उन्होंने मुख्य रूप से पहली बार इस्कॉन ट्रस्ट की स्थापना की। इस्कॉन की स्थापना अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में की गई थी।

मुख्य रूप से देखा जाए तो यह इस्कॉन मंदिर अमेरिका के लोगों से जुड़ा हुआ है। अमेरिका में एक ऐसा समाज जिसको बहिष्कृत कर दिया गया है। उस समाज को हैप्पी कहा जाता है। इस्कॉन मंदिर के माध्यम से लोगों को भागवत गीता के उपदेश अर्थ को समझाया जाता है।  आज इस्कॉन मंदिर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मौजूद है लाखों की संख्या में इस्कॉन संस्था के अनुयाई आप देख सकते हैं।

नोएडा इस्कॉन मंदिर की खास रोचक बातें

नोएडा में स्थित इस्कॉन मंदिर भक्ति शांति और स्थापत्य भव्यता का एक बहुत ही अद्भुत नमूना माना जाता है। मंदिर परिसर में खास तरह की नाका से राज्य से गुंबद सुंदर बाग बगीचों का निर्माण किया गया है। जो इसकी शोभा को बढ़ाते हैं। यहां जाने के बाद एकदम शांत वातावरण का अनुभव होता है। जो हर व्यक्ति को आंतरिक शांति और सांत्वना दिलाने में बहुत अच्छा होता है। नोएडा के इस्कॉन मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र महाकाल राज्यसी हाल है। यह हॉल राजा महाराजाओं के दरबार हॉल के रूप में जाना जाता है। इस हाल के अंदर भगवान श्री कृष्ण की सभी लीलाओं को दर्शाया गया है। जिन लीलाओं का वर्णन किया गया है। वह सभी सुंदर भित्ति चित्र और सुंदर चित्रों के द्वारा बनाई गई है। हाल में यह सभी चित्रकार हर व्यक्ति को मंत्र मुक्त करने के लिए बनाई गई है। यहां जटिल नक्काशेदार लकड़ी की छत और संगमरमर का पत्थर, बेहद आकर्षक अलंकृत झूमर इस मंदिर की सुंदरता और भव्यता को जोड़े रखना का काम करता है।

समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक महत्व का परिचय इस्कॉन

नोएडा में स्थित इस्कॉन मंदिर को आप इसको एक मंदिर नहीं कह सकते बल्कि यह भारत के सभी मंदिरों में से एक समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने का सुंदर प्रतीक माना गया है। इस मंदिर को मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी के रूप को समर्पित किया गया है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथो में भगवान श्री कृष्ण के प्रेम वात्सल्य, करुणा भक्ति के प्रतीक के रूप में यहां सभी मूर्तियां प्रतिष्ठित की गई है। मुख्य रूप से भागवत गीता की शिक्षाओं के आधार पर यहां हर नियम का पालन किया जाता है। भगवत गीता एक धार्मिक हिंदुओं का प्रतिष्ठित ग्रंथ माना गया है।

निष्कर्ष:

नोएडा इस्कॉन मंदिर बहुत ही भव्य और सुंदर बनाया गया है। अगर आप भगवान श्री कृष्ण के मंदिर घूमना चाहते है तो इससे अच्छा विकल्प कोई नही हो सकता है। आप इस मंदिर में न केवल घूम सकते है बल्कि यहाँ पर रहने, खाने का भी अच्छा ख़ासा इंतजाम किया गया है।और पढ़ने के लिए MyChalisa.com को फॉलो करें।

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