हमारे हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा का विशेष महत्व माना गया है इसीलिए लोग मंदिर जाकर भगवान की पूजा आराधना करते हैं और आत्म शांति की अनुभूति प्राप्त करते हैं। कहते हैं भगवान के मंदिर जाने से मनुष्य के सभी रोग दोष हट जाते हैं। हमारे भारत में आज बहुत से ऐसे तीर्थ स्थान है जो पूजने योग्य है और वह अति प्राचीन कालीन माने जाते हैं।
वहां की धार्मिक मान्यताएं बहुत ज्यादा ही प्रसिद्ध है। आज हम आपको मध्य प्रदेश के मुरैना के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं यह सभी मंदिर इंडिया में ही नहीं बल्कि विश्व में भी अपना एक अलग स्थान बनाएं रखते हैं इनको वैश्विक स्तर पर लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है दूर-दूर से यहां लोग दर्शन के लिए आते हैं आईए जानते हैं मुरैना के विश्व प्रसिद्ध सभी मंदिरों के बारे में पूरी जानकारी..
1. विश्व प्रसिद्ध मुरैना शनिश्चरा मंदिर
मुरैना में स्थित शनिश्चरा मंदिर धार्मिक न्यास और धर्मस्य विभाग के नियंत्रण में आता है और यह हिंदुओं का प्रसिद्ध देवस्थान है। इस शनि मंदिर को एक धर्य पर्यटन स्थल के रूप में भी बनाया गया है। जैसा कि पिछले सालों से यहां लगातार दिन प्रतिदिन आने वाले बाहर से श्रद्धालुओं की जो संख्या है वह बढ़ती जा रही है। उन सभी आने-जाने वाले लोगों के विकास कार्य और उनकी सुविधा को देखते हुए यहां पर कई प्रकार के सुधार कार्य किए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि इस विश्व प्रसिद्ध शनि मंदिर का निर्माण राज्य विक्रमादित्य के द्वारा किया गया था
हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु अलग-अलग राज्यों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आते हैं। मुख्य रूप से शनिवार के दिन अगर अमावस्या पड़ जाती है तो उस पर विशेष मेले का भी यहां पर बड़ा आयोजन होता है। शनिश्चरा मंदिर पहाड़ी पर स्थित है यहां पर बड़े-बड़े नहाने के कुंड, समर्पण स्थल, वस्त्र समर्पण स्थल, पीने की सुविधा, ऑडिटोरियम जैसी बहुत सी सुविधाएं आपको देखने को मिलेगी। यहां पर जाने के लिए आप बस से ट्रेन से भी जा सकते हैं
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प्राचीन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रावण के द्वारा इस शनि मंदिर को हनुमान जी ने छुड़वाया था। रावण के द्वारा इस मंदिर को लंका ले जाया गया था। इससे शनिदेव की शक्तियां खत्म हो गई थी। वापस से इनको स्थापित करने का कार्य हनुमान जी को दिया गया था। जो की मुरैना के इस क्षेत्र में हनुमान जी के द्वारा शनि मंदिर की स्थापना हुई थी। आज भी यहां पर शनि देव का एक गड्ढा भी मौजूद है।
2. नरेश्वर शिव मंदिर मुरैना
मुरैना का नरेश्वर शिव मंदिर अति प्राचीन शिव मंदिर में से एक है यह ग्वालियर से लगभग 70 किलोमीटर दूर मुरैना से 50 किलोमीटर दूरी पर भिंड क्षेत्र में पड़ता है यह अति प्राचीन दुर्लभ पहाड़ियों के बीच बसा हुआ बहुत प्राचीन शिव मंदिर है यहां पर भी बड़ी संख्या में भक्त लोग दर्शन करने के लिए आते हैं महाशिवरात्रि और सभी शिवरात्रि पर अधिक संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं।
ऐसा बताया जाता है कि यह मंदिर गुर्जर प्रतिहार कालीन मंदिर है। जो कि तीसरी से 7वी शताब्दी के बीच में बनाया गया था।
यहां पर स्थित शिवलिंग चट्टान काट कर बनाया गया है यहाँ बारिश के दिनों में तो जब झरने बहते हैं, तालाब में जो पानी जाता है वह शिवलिंग को छूकर निकलता है। यहां तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करके जाना पड़ता है, क्योंकि यह शिव मंदिर अति दुर्लभ पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है। लगभग 3 किलोमीटर पैदल चलने के बाद में इस मंदिर पर पहुंच सकते हैं।
3. 64 योगिनी मंदिर मुरैना
64 योगिनी मंदिर ग्वालियर मुरैना जिले के मितावली गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1323 ईस्वी में किया गया था। 64 योगिनी मंदिर को महादेव मंदिर भी कहा जाता है। जिसमें भगवान एकट्टसो शिवलिंग विराजमान है। यह मंदिर 100 फीट ऊंची पहाड़ी के ऊपर बनाया गया है। गोलाकार आकृति में बना हुआ है। यह मंदिर अपनी प्राकृतिक शोभा के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर का आकार शिवलिंग की तरह होने की वजह से इसका नामकरण किया गया है।
हमारे देश में गोलाकार मंदिरों की संख्या बहुत कम है इसीलिए यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर है क्योंकि यह गोलाकार आकृति में बना हुआ है। यहां इस ऊंचाई पर बने मंदिर में 64 कमरे बने हुए हैं। इसलिए इसको 64 योगिनी मंदिर कहा जाता है। यहां योगिनी का मंदिर प्रसिद्ध मंदिर है। भारतीय पुरातत्व सर्वे विभाग के द्वारा सन 1951 में इस मंदिर को कानून के तहत प्राचीन व ऐतिहासिक स्मारक बना दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि भारत की संसद भवन का निर्माण किया गया था वह इसी मंदिर से प्रेरित होकर किया गया है।
4. कनक मठ मंदिर मुरैना
कनक मठ मंदिर का निर्माण कछुआ वंश के राजा कीर्ति राज के द्वारा किया गया था। राजा कीर्ति राज की पत्नी महादेव की बड़ी भक्त थी भगवान शिव की भक्त होने की वजह से कनक मठ मंदिर नाम रखा गया। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य एक रात में भूतों के द्वारा किया गया था। इस मंदिर में मौजूद सभी मूर्तियां अति प्राचीन है। कई बार आक्रमण कार्यों के हमले की वजह से कुछ मूर्तियां खंडित हो चुकी है।
जिनके अवशेष ग्वालियर म्यूजियम में भी आपको देखने को मिल सकते हैं। यहां चबूतरे पर मंदिर वास्तु योजना, गर्भ ग्रह, स्तंभ युक्त मंडल आकर्षक मुखमंडल अपनी आकर्षक शोभा लिए हुए हैं। जिसकी वजह से यहां पर देश-विदेश से हजारों लाखों संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मंदिर की स्थिति जर्जर होने के बाद भी शिव मंदिर के दर्शन करने के लिए अनेक भक्त आते हैं।
5. बटेश्वर मंदिर मुरैना
भारत में आपको हर राज्य में अति प्राचीन शिव मंदिर देखने को मिल जाएंगे लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना में आज एक ऐसा शिव मंदिर है जिसमे एक शिव मंदिर नहीं बल्कि सैकड़ो शिव मंदिर आपको देखने को मिलेंगे यह शिव मंदिर आठवीं शताब्दी में बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर को कई बार डाकुओं के द्वारा नष्ट भी कर दिया गया लेकिन फिर से इस मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर को डाकुओं ने अपना खुद का घर बना लिया था। लेकिन धीरे-धीरे यह मंदिर खंडहर में बदलता गया।
बटकेश्वर मंदिर मुरैना के 25 किलोमीटर दूर बिहार में स्थित है। इस मंदिर को आठवीं से दसवीं शताब्दी में गुर्जर और प्रतिहार वंश के द्वारा बनाया गया। यहां 200 से अधिक मंदिर है। जो भगवान शिव और विष्णु को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे।
300 साल पहले यहां पर डाकुओं का बड़ा आतंक हुआ करता था। लेकिन उन मंदिरों को बनवाने के लिए डाकुओं ने सहयोग भी पूरा किया था। आज यह सभी मंदिर भारतीय पर्यटन के अधीन आ चुके हैं और टूरिस्ट के लिए भी यह अच्छी जगह बन गए हैं। यहां पर देश के ही नहीं बल्कि विदेश के भी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।
6. कुंडलपुर मंदिर
कुंडलपुर मंदिर मुरैना में इसको सूर्य मंदिर के नाम से भी जानते हैं ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर माता कुंती के पुत्र करण के जन्म स्थान पर बना हुआ है यहां पर पास में बहती आसन नदी में माता कुंती ने कर्ण को बहा दिया था। यहां पास में ही शंकर भगवान का मंदिर है जब कर्ण का जन्म हुआ था। उस समय से यह शिव मंदिर बनाया गया है।
समय जैसे-जैसे बढ़ता गया इस शिवलिंग का भी यहां आकर बढ़ता जा रहा है। यह मंदिर भी विश्व प्रसिद्ध मंदिर की गिनती में आता है। यह शिव मंदिर अति प्राचीन है और यहां भी देश से ही बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
निष्कर्ष
मुरैना के विश्व प्रसिद्ध मंदिर (World Famous Temples in Morena) भक्तो के बीच हमेशा से ही घुमने और दर्शन करने के केंद्र बने रहते है। तो अगर आपने अभी तक इनके दर्शन नहीं किए है तो एक बार अपने जीवन में मुरैना के सभी प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन जरुर करे। Follow MyChalisa.com for more!
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