Temples Of Bhubaneswar Archives - MyChalisa.Com https://mychalisa.com/tag/temples-of-bhubaneswar/ Tue, 11 Jun 2024 08:08:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://mychalisa.com/wp-content/uploads/2023/03/cropped-om-e1677695067201-32x32.png Temples Of Bhubaneswar Archives - MyChalisa.Com https://mychalisa.com/tag/temples-of-bhubaneswar/ 32 32 भुवनेश्वर के विश्व प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples Of Bhubaneswar Odisha) https://mychalisa.com/temples-of-bhubaneswar/ https://mychalisa.com/temples-of-bhubaneswar/#respond Tue, 11 Jun 2024 08:08:55 +0000 https://mychalisa.com/?p=1676 भुवनेश्वर ओडीशा राज्य का वह शहर है जिसको मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यह राज्य उड़ीसा की राजधानी ...

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भुवनेश्वर ओडीशा राज्य का वह शहर है जिसको मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यह राज्य उड़ीसा की राजधानी भी है। यहां देश के ही नहीं बल्कि विदेश के भी लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। एक तरह से यह पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला शहर है। भुवनेश्वर शहर का नाम संस्कृत भाषा से त्रिभुवनेश्वर शब्द से लिया गया है। त्रिभुवनेश्वर का मतलब तीनों लोकों के भगवान शिव के नाम से आधारित है।

यहां पर भगवान शिव के अधिक संख्या में मंदिर है और जो श्रद्धालु भक्तगण भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था रखते हैं। वह यहां निरंतर आते रहते हैं। इस जगह पर आठवीं शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी के दौरान के अति प्राचीन मंदिर है। इसके अलावा भी यहां और बहुत से मंदिर ऐसे हैं जो न केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी एक अलग ही पहचान लिए हुए हैं।   

यहां मंदिर न केवल अति प्राचीन है बल्कि उनकी अलौकिक भव्यता सुंदरता कलाकारी भी अपने आप में एक अलग ही पहचान लिए हुए हैं। आज हम आपको भुवनेश्वर के कुछ विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे जिनके बारे में शायद आपको अभी तक नॉलेज नहीं है तो चलिए जानते हैं भुवनेश्वर के कुछ विश्व प्रसिद्ध मंदिर की पूरी जानकारी यहां इस लेख के माध्यम से आप सभी के लिए..

1. लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर

उड़ीसा भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर सबसे ज्यादा प्राचीन मंदिर है और यह मंदिर भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर भी माना जाता है। जैसा कि आप सब जानते हैं भुवनेश्वर मंदिर इसके नाम से ही पता चलता है कि इस मंदिर को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में राजा केसरी के द्वारा करवाया गया था क्योंकि लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर का सबसे पुराना मंदिर है इसीलिए यहां पर भगवान शिव की हरिहर के रूप में पूजा की जाती है।

 एक तरह से देखा जाए तो लिंगराज मंदिर भगवान शिव और विष्णु का एक संयुक्त स्वरूप माना गया है। इसी वजह से इस मंदिर पर हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी आते हैं। इस मंदिर के निर्माण कार्य में कलिंग और देवल वास्तुकला का प्रतिनिधित्व किया गया है। मंदिर में चार तरह के भाग बनाए गए हैं। जिसमें गर्भ ग्रह यज्ञशाला भोग मंडल और नाट्यशाला शामिल है। यहां पर मां देवी भगवती को समर्पित एक छोटा सा आंगन भी बनाया गया है। जो उत्तर पश्चिम कोने में स्थित है।  

मंदिर में अगर भक्तगणों की बात की जाए तो प्रतिदिन 6000 से भी अधिक श्रद्धालु गण यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं और दर्शन करने के लिए यहां विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं।

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2. राजरानी मंदिर भुवनेश्वर

भुवनेश्वर में अति प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मंदिर राजरानी का मंदिर भी शामिल है। इस मंदिर को भगवान के प्रेम स्वरूप की वजह से जाना जाता है। यहां पर कुछ महिला जोड़ों की ऐसी कामुक नक्काशी बनाई गई है। उन्हीं की वजह से इस मंदिर को प्रेम मंदिर के स्वरूप के रूप में भी लोग पहचानते हैं। हालांकि इस मंदिर का आकार लिंगराज मंदिर की तरह नहीं है बल्कि थोड़ा छोटा है।

राजरानी मंदिर भी 11वीं शताब्दी में कलिंग वास्तुकला पर ही बनाया गया था। इस मंदिर में कोई गर्भ ग्रह नहीं है ना कोई यहां कोई चित्र नक्काशी देखने को मिलेगी। हिंदू धर्म के किसी विशेष संप्रदाय से भी यह मंदिर नहीं जुड़ा हुआ है। राजरानी के इस मंदिर का निर्माण भी उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी मंदिर के निर्माण के समय का ही बताया गया है यहां पर विराजित सभी मूर्तियां भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह का प्रतीक मानी गई है। 

3. परशुरामेश्वर मंदिर

परशुरामेश्वर मंदिर भी भुवनेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर है। इसका निर्माण पुलिया शैली स्थापत्य कला में किया गया है। 650 ईस्वी में बनाया गया यह मंदिर स्थापित कला का एक बहुत ही बेमिसाल उदाहरण है। परशुराम रामेश्वर मंदिर को सातवें-आठवीं शताब्दी के बीच में काल के अंतर्गत बनाया गया था। यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि इस मंदिर के परिसर में उत्तर पश्चिमी कोने में 1000 से भी अधिक शिवलिंगों की उपस्थिति मौजूद है। 

यह मंदिर पूरी तरह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन आता है। इसके अलावा यहां पर भगवान शिव पार्वती और गणेश जी की सुंदर नक्काशी से सुशोभित प्रतिमाएं मौजूद हैं। जो अपने आप में अद्भुत अलौकिक है। यहां पर भी हजारों की संख्या में प्रतिदिन दर्शनार्थी श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

4. मुक्तेश्वर मंदिर भुवनेश्वर

भुवनेश्वर का यह मुक्तेश्वर मंदिर बड़ा प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कार्य दसवीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर भी भगवान शिव को ही समर्पित है और दसवीं शताब्दी का कलिंग शैली स्थापित शैली का एक अद्भुत उदाहरण भी है मंदिर में ऊपर शीर्ष पर सभी जो देवी देवताओं की मूर्तियां विराजमान है। वह मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के प्रभाव को दर्शाती हैं। इस मंदिर में बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म की कला देखने को मिलती है।    

मुख्य रूप से इस मंदिर में तोरण और मेहराब प्रसिद्ध है जिसमें विस्तृत रूप से महिलाओं के गने अन्य डिजाइन से इसको सजाया गया है। मंदिर का निर्माण कालिंग स्थापत्य शैली से किया गया है। यहां पर मौजूद सभी मूर्तियों में पंचतंत्र की कहानी और सुंदर नक्काशी भी आप देख सकते हैं। यह मंदिर भी भवन भुवनेश्वर का प्रसिद्ध मुक्तेश्वर मंदिर है यहां पर भी हजारों शिव भक्त प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं।

5. राम मंदिर भुवनेश्वर

भुवनेश्वर का राम मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर में राम भगवान अपनी पत्नी सीता मां और अपने भाई के साथ विराजमान है। यह भगवान का बड़ा ही सुंदर मंदिर है। इसके अलावा आप इस मंदिर में भगवान शिव और अन्य सभी देवताओं के मंदिर भी देख सकते हो। 

 मुख्य रूप से इस मंदिर की आरती बड़ी प्रसिद्ध है। सुबह की आरती के शब्द पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। देखा जाए तो सुबह की आरती की वजह से ही ये मंदिर बड़ा प्रसिद्ध है। मंदिर के शिखर को बहुत ही सुंदर दर्शाया गया है। जिसमें विभिन्न स्थानों की छवि भी आप देख सकते हैं। 

6. अनंत वासुदेव मंदिर भुवनेश्वर

भुवनेश्वर में स्थित अनंत वासुदेव मंदिर को 13वी शताब्दी में बनाया गया था। जैसा कि आप इसके नाम से ही समझ सकते हैं। मुख्य रूप से यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण भगवान को समर्पित है। यह एकमात्र इकलौता ऐसा मंदिर है जो केवल भगवान कृष्ण के नाम से बनाया गया है। यहां पर मुख्य रूप से आपको अधिक शिव मंदिर शिव संप्रदाय के देखने को मिलेंगे। 

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यह एकमात्र मंदिर जो की वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा हुआ है। अनंत वासुदेव मंदिर उड़ीसा के प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर से मिलता जुलता मंदिर है। इस मंदिर में आप काफी हद तक वैष्णव संप्रदाय की मूर्तियां देख सकते हैं। मंदिर के निर्माण कार्य में लकड़ी की जगह ग्रेनाइट पत्थर को काम में लिया गया था। 

7. ब्रह्मेश्वर मंदिर भुवनेश्वर

भुवनेश्वर में ब्रह्मेश्वर मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर कोलावती देवी के बेटे के द्वारा 1058 से 1060 ईस्वी में बनाया गया था। ब्रह्मेश्वर मंदिर में आप उड़िया शैली की स्थापत्य कला देख सकते हैं। एक तरह से यह उड़िया सैनिक की प्रतिभा का एकमात्र अवशेष है। 11वीं शताब्दी तक इस मंदिर को चार छोटे मंदिरों से बनाया गया था। 

मुख्य रूप से यहां पर एक भगवान शंकर का मंदिर है जो कि भगवान साक्षात शिवलिंग रूप में विराजमान है। साथ में यहां पर पुरी शिव पंचायत मौजूद है। यहां इस मंदिर की जो खूबसूरत नक्काशी की गई है। यह विश्व प्रसिद्ध है जो कि यहां पर आने वाले सभी दर्शनार्थियों को अपनी तरफ खींच लेती हैं।

निष्कर्ष

MyChalisa.com पर हमने आपको सभी भुवनेश्वर के विश्व प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples Of Bhubaneswar Odisha) बताएं है। हम उम्मीद करते है कि ये जानकारी आपके लिए बेहद लाभदायक रहेगी। और जानने के लिए MyChalisa.com को follow करे!

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