Sharda Chalisa (शारदा चालीसा)

आपने अक्सर शारदा देवी का नाम तो सुना ही होगा, और हो सकता है कि आपमें से कई लोग अपने घर में शारदा देवी की पूजा भी करते होगे। तो क्या आपको मालूम है कि शारदा देवी कौन है? अगर नहीं तो चलिए मैं आपको बताता हूं। असल में शारदा देवी वैष्णवी माता एवं सरस्वती जी का ही एक रूप है जो कि आध्यात्मिक क्षेत्र में बुद्धि एवं ज्ञान की देवी मानी जाती है। अगर आप मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में जाएंगे तो आपको वहां मैहर की माता शारदा माता का एक प्रसिद्ध मंदिर देखने को मिलेगा, और यह मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है, जिसके दर्शन के लिए देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। अगर आप शारदा माता को प्रसन्न करना चाहे, तो आपको sharda chalisa का पाठ करना चाहिए।

शारदा चालीसा

॥ दोहा ॥

मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज ।
माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।
रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता, तीन लोक महं तुम विख्याता॥

दो सहस्त्र वर्षहि अनुमाना, प्रगट भई शारदा जग जाना ।
मैहर नगर विश्व विख्याता, जहाँ बैठी शारदा जग माता॥

त्रिकूट पर्वत शारदा वासा, मैहर नगरी परम प्रकाशा ।
सर्द इन्दु सम बदन तुम्हारो, रूप चतुर्भुज अतिशय प्यारो॥

कोटि सुर्य सम तन द्युति पावन, राज हंस तुम्हरो शचि वाहन।
कानन कुण्डल लोल सुहवहि, उर्मणी भाल अनूप दिखावहिं ॥

वीणा पुस्तक अभय धारिणी, जगत्मातु तुम जग विहारिणी।
ब्रह्म सुता अखंड अनूपा, शारदा गुण गावत सुरभूपा॥

हरिहर करहिं शारदा वन्दन, वरुण कुबेर करहिं अभिनन्दन ।
शारदा रूप कहण्डी अवतारा, चण्ड-मुण्ड असुरन संहारा ॥

महिषा सुर वध कीन्हि भवानी, दुर्गा बन शारदा कल्याणी।
धरा रूप शारदा भई चण्डी, रक्त बीज काटा रण मुण्डी॥

तुलसी सुर्य आदि विद्वाना, शारदा सुयश सदैव बखाना।
कालिदास भए अति विख्याता, तुम्हरी दया शारदा माता॥

वाल्मीकी नारद मुनि देवा, पुनि-पुनि करहिं शारदा सेवा।
चरण-शरण देवहु जग माया, सब जग व्यापहिं शारदा माया॥

अणु-परमाणु शारदा वासा, परम शक्तिमय परम प्रकाशा।
हे शारद तुम ब्रह्म स्वरूपा, शिव विरंचि पूजहिं नर भूपा॥

ब्रह्म शक्ति नहि एकउ भेदा, शारदा के गुण गावहिं वेदा।
जय जग वन्दनि विश्व स्वरूपा, निर्गुण-सगुण शारदहिं रूपा॥

सुमिरहु शारदा नाम अखंडा, व्यापइ नहिं कलिकाल प्रचण्डा।
सुर्य चन्द्र नभ मण्डल तारे, शारदा कृपा चमकते सारे॥

उद्भव स्थिति प्रलय कारिणी, बन्दउ शारदा जगत तारिणी।
दु:ख दरिद्र सब जाहिंन साई, तुम्हारीकृपा शारदा माई॥

परम पुनीत जगत अधारा, मातु, शारदा ज्ञान तुम्हारा।
विद्या बुद्धि मिलहिं सुखदानी, जय जय जय शारदा भवानी॥

शारदे पूजन जो जन करहिं, निश्चय ते भव सागर तरहीं।
शारद कृपा मिलहिं शुचि ज्ञाना, होई सकल्विधि अति कल्याणा॥

जग के विषय महा दु:ख दाई, भजहुँ शारदा अति सुख पाई।
परम प्रकाश शारदा तोरा, दिव्य किरण देवहुँ मम ओरा॥

परमानन्द मगन मन होई, मातु शारदा सुमिरई जोई।
चित्त शान्त होवहिं जप ध्याना, भजहुँ शारदा होवहिं ज्ञाना॥

रचना रचित शारदा केरी, पाठ करहिं भव छटई फेरी।
सत् – सत् नमन पढ़ीहे धरिध्याना, शारदा मातु करहिं कल्याणा॥

शारदा महिमा को जग जाना, नेति-नेति कह वेद बखाना।
सत् – सत् नमन शारदा तोरा, कृपा द्र्ष्टि कीजै मम ओरा॥

जो जन सेवा करहिं तुम्हारी, तिन कहँ कतहुँ नाहि दु:खभारी ।
जोयह पाठ करै चालीस, मातु शारदा देहुँ आशीषा॥

॥ दोहा ॥

बन्दऊँ शारद चरण रज, भक्ति ज्ञान मोहि देहुँ।
सकल अविद्या दूर कर, सदा बसहु उर्गेहुँ।

जय-जय माई शारदा, मैहर तेरौ धाम ।
शरण मातु मोहिं लिजिए, तोहि भजहुँ निष्काम ॥

॥ इति श्री शारदा चालीसा समाप्त ॥

Sharada Chalisa in English

॥ Doha ॥

Moorti Svayambhoo Sharada, Maihar An Viraj ।
Mala, Pustak, Dharini, Vina Kar Mein Saj ॥

॥ Chaupai ॥

Jai Jai Jai Sharada Maharani, Adi Shakti Tum Jag Kalyani ।
Roop Chaturbhuj Tumharo Mata, Tin Lok Mahan Tum Vikhyata ॥

Do Sahastr Varshahi Anumana, Pragat Bhi Sharada Jag Jana ।
Maihar Nagar Vishv Vikhyata, Jahan Baithi Sharada Jag Mata ॥

Trikoot Parvat Sharada Vasa, Maihar Nagari Param Prakasha ।
Sard Indu Sam Badan Tumharo, Roop Chaturbhuj Atishay Pyaro ॥

Koti Sury Sam Tan Dyuti Pavan, Raj Hans Tumharo Shachi Vahan ।
Kanan Kundal Lol Suhavahi, Urmani Bhal Anoop Dikhavahin ॥

Vina Pustak Abhay Dharini, Jagatmatu Tum Jag Viharini ।
Brahm Suta Akhand Anoopa, Sharada Gun Gavat Surabhoopa ॥

Harihar Karahin Sharada Vandan, Varun Kuber Karahin Abhinandan ।
Sharada Roop Kahandi Avatara, Chand-Mund Asuran Sanhara ॥

Mahisha Sur Vadh Kinhi Bhavani, Durga Ban Sharada Kalyani ।
Dhara Roop Sharada Bhi Chandi, Rakt Bij Kata Ran Mundi ॥

Tulasi Sury Adi Vidvana, Sharada Suyash Sadaiv Bakhana ।
Kalidas Bhe Ati Vikhyata, Tumhari Daya Sharada Mata ॥

Valmiki Narad Muni Deva, Puni-Puni Karahin Sharada Seva ।
Charan-Sharan Devahu Jag Maya, Sab Jag Vyapahin Sharada Maya ॥

Anu-Paramanu Sharada Vasa, Param Shaktimay Param Prakasha ।
He Sharad Tum Brahm Svaroopa, Shiv Viranchi Poojahin Nar Bhoopa ॥

Brahm Shakti Nahi Eku Bheda, Sharada Ke Gun Gavahin Veda ।
Jai Jag Vandani Vishv Svaroopa, Nirgun-Sagun Sharadahin Roopa ॥

Sumirahu Sharada Nam Akhanda, Vyapi Nahin Kalikal Prachanda ।
Sury Chandr Nabh Mandal Tare, Sharada Krpa Chamakate Sare ॥

Udbhav Sthiti Pralay Karini, Bandu Sharada Jagat Tarini ।
Du:Kh Daridr Sab Jahinn Sai, Tumharikrpa Sharada Mai ॥

Param Punit Jagat Adhara, Matu, Sharada Gyan Tumhara ।
Vidya Buddhi Milahin Sukhadani, Jai Jai Jai Sharada Bhavani ॥

Sharade Poojan Jo Jan Karahin, Nishchay Te Bhav Sagar Tarahin ।
Sharad Krpa Milahin Shuchi Gyana, Hoi Sakalvidhi Ati Kalyana ॥

Jag Ke Vishay Maha Du:Kh Dai, Bhajahun Sharada Ati Sukh Pai ।
Param Prakash Sharada Tora, Divy Kiran Devahun Mam Ora ॥

Paramanand Magan Man Hoi, Matu Sharada Sumiri Joi ।
Chitt Shant Hovahin Jap Dhyana, Bhajahun Sharada Hovahin Gyana ॥

Rachana Rachit Sharada Keri, Path Karahin Bhav Chhati Pheri ।
Sat – Sat Naman Padhihe Dharidhyana, Sharada Matu Karahin Kalyana ॥

Sharada Mahima Ko Jag Jana, Neti-Neti Kah Ved Bakhana ।
Sat – Sat Naman Sharada Tora, Krpa Drshti Kijai Mam Ora ॥

Jo Jan Seva Karahin Tumhari, Tin Kahan Katahun Nahi Dukhabhari ।
Joyah Path Karai Chalis, Matu Sharada Dehun Ashisha ॥

॥ Doha ॥

Bandoon Sharad Charan Raj, Bhakti Gyan Mohi Dehun ।
Sakal Avidya Door Kar, Sada Basahu Urgehun ॥

Jai-Jai Mai Sharada, Maihar Terau Dham ।
Sharan Matu Mohin Lijie, Tohi Bhajahun Nishkam ॥

॥ Iti Shree Sharada Chalisa End ॥

Sharda माता को प्रसन्न कैसे करें?

अब आपने यह तो जान लिया है कि शारदा माता कौन है, और उनका प्रसिद्ध मंदिर कहां है। तो यह तो जरूरी नहीं कि हर कोई उनके दर्शन करने तथा उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके मंदिर जाए। आप अपने घर में पूजा करके भी आसानी से शारदा माता को प्रसन्न कर सकते हैं। क्योंकि कोई भी भगवान सिर्फ आपके मन की भक्ति से ही प्रसन्न हो सकते हैं। शारदा चालीसा में मां शारदा के बारे में कई सारी बातें लिखी होती है, जिसका पाठ या उच्चारण करने से शारदा माता बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होती हैं। इसलिए अगर आप अपने घर में नियमित तौर पर शारदा माता के चालीसा का पाठ करते हैं, तो आपको जरूर शारदा माता का आशीर्वाद मिलेगा, और शारदा माता के आशीर्वाद से आपको किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहेगा।

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अगर आप भी घर में ही रहकर माता को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आसानी से sharada chalisa का पाठ करके शारदा माता को प्रसन्न करके उनकी असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं।