Shree Pretraj Chalisa (श्री प्रेतराज चालीसा)

अगर आप pretraj chalisa का नियमित पाठ करते हैं, तो इससे आपको बहुत ही ज्यादा फायदे होते हैं। इससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है तथा आपको सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। और जैसा कि हमने आपको बताया कि प्रेतराज जी प्रेतों के राजा हैं, तो अगर आप pretraj chalisa का पाठ करते हैं, तो इससे आपको भूत प्रेत पिशाच आदि के भय से मुक्ति मिलती है। आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा स्वत: ही समाप्त हो जाती है, साथ ही साथ व्यक्ति का जीवन बहुत ही ज्यादा सुखमय हो जाता है। इसलिए आपको भी प्रेतराज चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। प्रेतराज चालीसा का पाठ करके आप आसानी से उन्हे प्रसन्न कर सकते हैं, और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

श्री प्रेतराज चालीसा

॥ दोहा ॥
॥ गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।
प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय।
जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दुःख भार।
वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज सरकार ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय प्रेतराज जग पावन, महाप्रबल त्रय तापनसावन।
विकट वीर करुणा के सागर,भक्त कष्टहर सबगुण आगर।

रतन जड़ित सिंहासन सोहे, देखत सुन नर मुनि मन मोहे।
जगमग सिरपर मुकुट सुहावन, कानन कुंडल अति मनभावन।

धनुष कृपाण बाण अरू भाला, वीरवेश अति भृकुटि कराला।
गजारूढ़ संग सेना भारी, बाजत ढोल मृदंग जुझारी।

छत्र चंवर पंखा सिर डोले,भक्त वृन्द मिल जय जय बोले।भक्त शिरोमणि वीर प्रचण्डा, दुष्ट दलन शोभित भुजदण्डा।

चलत सैन काँपत भूतलह, दर्शन करत मिटत कलि मलह।
घाटा मेंहदीपुर में आकर, प्रगटे प्रेतराज गुण सागर।

लाल ध्वजा उड़ रही गगन में, नाचत भक्त मगन ही मन में।
भक्त कामना पूरन स्वामी, बजरंगी के सेवक नामी।

इच्छा पूरन करने वाले, दुःख संकट सब हरने वाले।
जो जिस इच्छा से आते हैं, वे सब मन वाँछित फल पाते हैं।

रोगी सेवा में जो आते, शीघ्र स्वस्थ होकर घर जाते।
भूत पिशाच जिन्न वैताला, भागे देखत रूप कराला।

भौतिक शारीरिक सब पीड़ा, मिटा शीघ्र करते हैं क्रीड़ा
कठिन काज जग में हैं जेते, रटत नाम पूरन सब होते।

तन मन धन से सेवा करते, उनके सकल कष्ट प्रभु हरते।
हे करुणामय स्वामी मेरे, पड़ा हुआ हूं चरणों में तेरे।

कोई तेरे सिवा ने मेरा, मुझे एक आश्रय प्रभु तेरा।
लज्जा मेरी हाथ तिहारे, आन पड़ा हूं चरण सहारे।

या विधि अरज करे तन मन से, छूटत रोग शोक सब तन से।

मेंहदीपुर अवतार लिया है, भक्तों का दुख दूर किया है।
रोगी, पागल सन्तति हीना, भूत व्याधि सुत अरु धन हीना।

जो जो तेरे द्वारे आते, मन वांछित फल पा घर जाते।
महिमा भूतल पर है छाई है, भक्तों ने है लीला गाई है।

महन्त गणेश पुरी तपधारी, पूजा करते तन मन वारी।
हाथों में ले मुगदर घोटे, दूत खड़े रहते हैं मोटे।

लाल देह सिन्दूर बदन में, काँपत थरथर भूत भवन में।
जो कोई प्रेतराज चालीसा (Pretraj Chalisa), पाट करत नित एक अरू बीसा।

प्रातः काल नित स्नान करावै, तेल और सिन्दूर लगावै।
चन्दन इत्र फुलेल चढ़ावै, पुष्पन की माला पहनावै।

ले कपूर आरती उतारै, करे प्रार्थना जयति उचारै।
उनके सभी कष्ट कट जाते, हर्षित हो अपने घर जाते।

इच्छा पूरण करते जन की, होती सफल कामना मन की।
भक्त कटहर अरिकुल घातक, ध्यान धरत छूटत सब पातक।

जय जय जय प्रेताधिप जय, जयति भूपति संकट हर जय।
जो नर पढ़त प्रेत चालीसा, रहत न कबहूँ दुख लवलेशा।
कहत भक्त ध्यान धर मन में, प्रेतराज पावन चरनन में।

॥ दोहा ॥
दुष्ट दलन जग अघ हरन, समन सकल भव शूल।
जयति भक्त रक्षक प्रवल, प्रेतराज सुख मूल।
विमल वेश अंजनि सुवन, प्रेतराज बल धाम।
बसहु निरन्तर मम हृदय, कहत भक्त सुखराम।

Shree Pretraj Chalisa in English

॥Doha॥

ganapati kee kar vandana, guru charanan chit lae !
pretaraaj jee ka likhoon, chaaleesa harashae !!
jay jay bhootaadik prabal, haran sakal dukh bhaar !
veer shiromani jayati, jay pretaraaj sarakaar !!

॥Chopaee॥

jay jay pretaraaj jagapaavan ! mahaaprabal dukh taap nasaavan !!
vikatveer karuna ke saagar ! bhakt kasht har sab gun aagar !!
ratan jadit sinhaasan sohe ! dekhat sur nar muni man mohe !!
jagamag sir par mukut suhaavan ! kaanan kundal ati manabhaavan !!

dhanush kirapaan baan aru bhaala ! veer vesh ati bhrakuti karaala !!
gajaarudh sang sena bhaaree ! baajat dhol mradang jujhaaree !!
chhtr chanvar pankha sir dolen ! bhakt vrand mil jay jay bolen !!
bhakt shiromani veer prachanda ! dusht dalan shobhit bhujadanda !!

chalat sain kaanpat bhu-talah ! darshan karat mitat kalimalah !!
ghaata menhadeepur mein aakar ! pragate pretaraaj gun saagar !!
laal dhvaja ud rahee gagan mein ! naachat bhakt magan ho man mein !!
bhakt kaamana pooran svaamee ! bajarangee ke sevak naamee !!

ichchha pooran karane vaale ! dukh sankat sab harane vaale !!
jo jis ichchha se hain aate ! manavaanchhit phal sab ve hain paate !!
rogee seva mein jo hain aate ! sheeghr svasth hokar ghar hain jaate !!
bhoot pishaach jin vaitaala ! bhaage dekhat rup vikaraala !!

bhotik shaareerik sab peeda ! mita sheeghr karate hain kreeda !!
kathin kaaj jag mein hain jete ! ratat naam poora sab hote !!
tan man se seva jo karate ! unake kasht prabhu sab harate !!
he karunaamay svaamee mere ! pada hua hoon dar pe tere !!

koee tere siva na mera ! mujhe ek aashray prabhu tera !!
lajja meree haath tihaare ! pada hua hoon charan sahaare !!
ya vidhi araj kare tan-man se ! chhootat rog-shok sab tan se !!
menhadeepur avataar liya hai ! bhakton ka dukh door kiya hai !!

rogee paagal santati heena ! bhoot vyaadhi sut aru dhan chheena !!
jo jo tere dvaare aate ! manavaanchhit phal pa ghar jaate !!
mahima bhootal par chhaee hai ! bhakton ne leela gaee hai !!
mahant ganesh puree tapadhaaree ! pooja karate tan-man vaaree !!

haathon mein le mudagar ghote ! doot khade rahate hain mote !!
laal deh sindoor badan mein ! kaanpat thar-thar bhoot bhavan mein !!
jo koee pretaraaj chaaleesa ! paath kare nit ek aru hamesha !!
praatah kaal snaan karaavai ! tel aur sindoor lagaavai !!

chandan itr phulel chadhaavai ! pushpan kee maala pahanaavai !!
le kapoor aaratee utaaren ! karen praarthana jayati uchaaren !!
un ke sabhee kasht kat jaate ! harshit ho apane ghar jaate !!
ichchha pooran karate jan kee ! hotee saphal kaamana man kee !!

bhakt kasht har ari kul ghaatak ! dhyaan karat chhootat sab paatak !!
jay jay jay pretaadhiraaj jay ! jayati bhupati sankat har jay !!
jo nar padhat pret chaaleesa ! rahat na kabahun dukh lavalesha !!
kah sukharaam dhyaanadhar man mein ! pretaraaj paavan charanan mein !!

॥doha॥

dusht dalan jag agh haran ! saman sakal bhav shool !!
jayati bhakt rakshak sabal ! pretaraaj sukh mool !!
vimal vesh anjani suvan ! pretaraaj bal dhaam !!
basahu nirantar mam hrday ! kahat daas sukharaam !!

॥ iti shree pretaraaj chaaleesa॥

प्रेतराज जी कौन है?

तो चलिए सबसे पहले उन लोगों को हम यह बता देते हैं जिन्हें नहीं पता है कि प्रेतराज जी कौन है। असल मे प्रेतराज जी अपने जमाने में जयपुर के राजा हुआ करते थे, और कहा जाता था कि यह किसी भी चुड़ैल, डायन, भूत, प्रेत, जिन आदि को पकड़ कर अपने वश में करने की कला बखूबी जानते थे। और इसी के कारण उन्हें प्रेतराज कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है प्रेतों का राजा। कहां जाता है कि मेहंदीपुर में बालाजी को प्रकट होने के लिए एक सहायक की जरूरत थी जिसके लिए बालाजी ने प्रेतराज जी को आग्रह किया था। जिसके बदले प्रेतराज जी ने बालाजी को कहा था कि मैं एक राजा हूं इसलिए आपसे पहले मेरी पूजा की जाएगी। प्रेतराज जी के इस बात को बालाजी ने स्वीकार किया था, और इसीलिए आज भी मेहंदीपुर में बालाजी की पूजा करने से पहले प्रेतराज जी की पूजा की जाती है।

प्रेतराज जी को प्रसन्न कैसे करे?

तो जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया कि प्रेतराज जी की पूजा बालाजी से पहले होती है, तो आप इनके महत्व को समझ ही सकते हैं। तो इसके लिए हम आपको बता दें कि अगर आप भी प्रेतराज जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो pretraj chalisa का पाठ करके आप आसानी से इन्हें प्रसन्न न करके इनकी असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जी हां प्रेतराज चालीसा का पाठ करने से प्रेतराज जी बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होते हैं, और आपको अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जिससे कि आपको कभी भी किसी भी चीज की परेशानी नहीं होती है, और आपको इससे और भी बहुत से फायदे होते हैं, जिसके बारे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं। तो यह तो हुई प्रेतराज जी को प्रसन्न करने की बात, तो चलिये जान लेते हैं कि आखिर इन्हें प्रसन्न करने से हमें क्या फायदा होता है।

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अगर आप भी इन्हे प्रसन्न करना चाहे, तो pretraj chalisa का पाठ करके इन्हें आसानी से प्रश्न कर सकते हैं।