श्री हनुमान चालीसा। Hanuman Chalisa Hindi

हनुमान चालीसा महान संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई है। कहा जाता है महान संत गोस्वामी तुलसीदास संत वाल्मीकि के अवतार थे। हनुमान चालीसा की रचना तुलसीदास जी ने हरिद्वार के कुंभ मेले में समाधि की अवस्था में की थी। उन्होंने कहा था जो कोई व्यक्ति भी संकट में होगा और Shri Hanuman Chalisa का सच्चे मन से पाठ करेगा तो उसके ऊपर हनुमान जी की असीम कृपा होगी।

Hanuman Chalisa Lyrics, 40 पंक्तियों का समूह है जो दोहों और छंद से बनी है। भगवान राम और माता सीता का सबसे बड़ा भक्त हनुमान ही है। जो कोई भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी की आज्ञा के बिना भगवान राम और माता सीता के भी दर्शन नहीं होते है। ऐसा चालीसा में भी उल्लेख किया गया है। इसलिए, जिसे भी भगवान हनुमान जी की शरण में आना है उसे हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

श्री हनुमान चालीसा

॥दोहा॥
 
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 
 
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। 
 
॥चौपाई॥
 
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
 
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
 
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
 
कुमति निवार सुमति के संगी।।
 
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
 
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
 
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
 
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
 
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
 
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
 
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
 
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
 
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
 
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
 
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
 
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
 
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
 
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
 
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
 
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
 
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
 
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
 
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
 
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
 
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
 
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
 
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
 
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
 
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
 
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
 
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
 
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
 
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
 
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
 
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
 
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
 
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
 
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
 
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
 
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
 
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। 
 
॥दोहा॥
 
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

Hanuman Chalisa in English

॥Doha॥

Shri Guru Charan Saroj raj Nija manu Mukura sudhari
Baranau Raghuvar Bimal Jasu Jo Dayaku Phala Chari
Budheeheen Tanu Jannike Sumiro Pavan Kumara
Bal Buddhi Vidya Dehoo Mohee Harahu Kalesh Vikaar

॥Chaupai॥

Jai Hanuman gyan gun sagar
Jai Kapis tihun lok ujagar
Ram doot atulit bal dhama
Anjani putra Pavan sut nama

Mahabir vikram Bajrangi
Kumati nivar sumati Ke sangi
Kanchan varan viraj subesa
Kanan Kundal Kunchit Kesha

Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje
Kaandhe moonj janeu saaje
Sankar suvan kesri Nandan
Tej prataap maha jag vandan

Vidyavaan guni ati chatur
Ram kaj karibe ko aatur
Prabhu charitra sunibe ko rasiya
Ram Lakhan Sita man Basiya

Sukshma roop dhari Siyahi dikhava
Vikat roop dhari lank jalava
Bhim roop dhari asur sanhare
Ramachandra ke kaj sanvare

Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye
Shri Raghuvir Harashi ur laye
Raghupati Kinhi bahut badai
Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai

Sahas badan tumharo yash gaave
As kahi Shripati kanth lagaave
Sankadhik Brahmaadi Muneesa
Narad Sarad sahit Aheesa

Yam Kuber Dikpaal Jahan te
Kavi kovid kahi sake kahan te
Tum upkar Sugreevahin keenha
Ram milaye rajpad deenha

Tumhro mantra Vibheeshan maana
Lankeshwar Bhaye Sab jag jana
Yug sahasra yojan par Bhanu
Leelyo tahi madhur phal janu

Prabhu mudrika meli mukh mahee
Jaladhi langhi gaye achraj nahee
Durgam kaj jagat ke jete
Sugam anugraha tumhre tete

Ram duwaare tum rakhvare
Hot na agya binu paisare
Sab sukh lahai tumhari sarna
Tum rakshak kahu ko darna

Aapan tej samharo aapai
Teenon lok hank te kanpai
Bhoot pisaach Nikat nahin aavai
Mahavir jab naam sunavai

Nase rog harae sab peera
Japat nirantar Hanumat beera
Sankat se Hanuman chhudavai
Man Kram Vachan dhyan jo lavai

Sab par Ram tapasvee raja
Tin ke kaj sakal Tum saja
Aur manorath jo koi lavai
Soi amit jeevan phal pavai

Charon jug partap tumhara
Hai parsiddh jagat ujiyara
Sadhu Sant ke tum Rakhware
Asur nikandan Ram dulare

Ashta siddhi nav nidhi ke data
As var deen Janki mata
Ram rasayan tumhare pasa
Sada raho Raghupati ke dasa

Tumhare bhajan Ram ko pavai
Janam janam ke dukh bisraavai
Antkaal Raghuvar pur jayee
Jahan janam Hari Bhakt Kahayee

Aur Devta Chitt na dharahin
Hanumat sei sarv sukh karahin
Sankat kate mite sab peera
Jo sumirai Hanumat Balbeera

Jai Jai Jai Hanuman Gosain
Kripa Karahun Gurudev ki nayin
Jo shat bar path kare koi
Chhutahin bandi maha sukh hoi

Jo yeh padhe Hanuman Chalisa
Hoye siddhi saakhi Gaureesa
Tulsidas sada hari chera
Keejai Nath Hriday mahn dera

॥Doha॥

Pavan Tanay Sankat Harana Mangala Murati Roop
Ram Lakhan Sita Sahita Hriday Basahu Soor Bhoop

Shri Hanuman Chalisa पढ़ने के क्या-क्या लाभ होते है?

जो कोई भी Hanuman Chalisa पुरे विधि विधान से सुबह शाम दोहराएगा, उसके ऊपर से हर संकट दूर होगा।

  • अगर बच्चे रात में सोते समय डरते है या फिर झिझकते है तो उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ क्ररना चाहिए। इससे डर दूर होता है।
  • अगर किसी किशोर बच्चे का दिमागी संतुलन बिगड़ रहा है, या फिर साहस की कमी, विद्या, बल और बुद्धि कम हाई तो हनुमान चालीसा का रोज पाठ करने से इन सबकी कमी पूरी होती है।
  • नौकरी या नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं को श्री हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से सुबह-शाम करना चाहिए। इससे उनका दिमागी विकास होता है और एकाग्र क्षमता बढ़ती है।
  • वर्द्ध अवस्था में शरीर कमजोर होने लगता है, अपने दूर चले जाते है, मन कमजोर होने लगता है। श्री हनुमान चालीसा पाठ और पूजा करने से व्यक्ति अपने इन दुःख और कष्ट पर विजय पाने लगता है।
  • भगवान हनुमान अपने भक्तों की सच्चे मन से की गई केवल थोड़ी सी पूजा से ही खुश हो जाते है। तो अगर किसी विद्यार्थी के मेहनत करने पर भी अच्छे नंबर नहीं आते तो उसे केवल हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • हनुमान अपने बल के लिए तो जाने ही जाते है। इसीलिए जो कोई भी शारीरिक रूप से कमजोर है उसे रोजाना श्री हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए।
  • अगर किसी घर से क्लेश, लड़ाई झगड़े खत्म नहीं हो रहे है तो वहाँ पर चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • कोई अनजाना भय चालीसा पढ़ने से छू मन्त्र हो जाता है।

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हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम

  • हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
  • सुबह नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर तैयार हो जाएं।
  • ज़मीन पर एक आसान लगाएं। ध्यान रहे, बिना आसन के पूजा ना करे। ऐसे अशुभ माना जाता है।
  • हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा करे। भगवान राम और माता सीता को प्रणाम करे फिर हनुमान चालीसा का सच्चे मन से जाप करे।
  • पाठ करते समय मन में किसी भी प्रकार की चिंता या भय ना लाएं।

दोस्तों, अगर आप ऊपर बताएं गए नियमो का पालन करेंगे और हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करेंगे तो हमे पूरी उम्मीद है भगवान हनुमान आपसे जल्द ही प्रसन्न होगे और अप्पकी जो भी इच्छाएं है वो सभी पूरी होगी