धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना गया है कि जब हम चारों धाम यात्रा पर जाते हैं तो चारों दिशाओं में भगवान श्री कृष्ण का स्थान और उनके प्राचीन मंदिर के दर्शन करने मिलते हैं। चारों धाम की यात्रा में हिमालय की ऊंची चोटी पर बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए भी लोग जाते हैं। पश्चिम में द्वारकापुरी में भी भगवान श्री कृष्णा विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि बद्रीनाथ धाम में स्नान द्वारकापुरी में कपड़े और जगन्नाथपुरी में भोजन का महत्व माना गया है।
यहां दक्षिण में रामेश्वर धाम में जाकर भगवान विश्राम करते हैं। द्वापर युग के बाद में भगवान श्री कृष्णा पूरी तरह से जगन्नाथ पुरी में ही निवास करने लग गए। जगन्नाथ धाम भारत के प्रसिद्ध चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। जिसमें आज भी भगवान विराजमान है। आज हम आपको जगन्नाथ पुरी विश्व प्रसिद्ध मंदिर के बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक यहां बताने वाले हैं। ताकि आपको जगन्नाथ पुरी के सभी मंदिरों के बारे में और जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी सही ढंग से समझने को मिल सके.
जगन्नाथ पुरी के विश्व प्रसिद्ध मंदिर
जगन्नाथ पुरी भारत में सबसे अधिक प्रसिद्ध मंदिर में से एक जाना जाता है। यह उड़ीसा राज्य में है। हिंदुओं के चार प्रमुख बड़े तीर्थ स्थान में से एक नाम जगन्नाथ पुरी का शामिल है। भगवान शिव का यह विश्राम स्थल माना गया है। आईए जानते हैं कि कौन-कौन से जगन्नाथ पुरी के ऐसे विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनको देखने के लिए विदेश से भी लोग आते हैं
1. जगन्नाथ पुरी मंदिर
जगन्नाथ पुरी का मंदिर 11वीं शताब्दी में राजा इंद्रधनुष नाम के राजा के द्वारा बनाया गया था। जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण साक्षात अपने भाई और बहन के साथ में यहां विराजमान होते हैं। यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर साल लाखों की संख्या में केवल भारत देश से नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। जगन्नाथ पुरी का यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार का ही मंदिर है।
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जगन्नाथ पुरी में उड़िया वास्तु कला से बना हुआ यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। अनोखी चित्रकारी और कला की वजह से यह जाना जाता है। भगवान के भोग के लिए यहां मंदिर परिसर में भव्य प्रसाद बनाया जाता है और यह भगवान का जो प्रसाद बनाया जाता है मिट्टी के बर्तनों में पकाया जाता है जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
भगवान का भोग लगने के बाद यह भव्य प्रसाद सभी भक्तों को वितरित किया जाता है। मंदिर परिसर में जब आप दर्शन करने के लिए जाएं तो दर्शन करने का समय सुबह 8:30 से लेकर रात को 10:00 तक का होता है।
2. लोकनाथ मंदिर
जगन्नाथ पुरी में 11वीं शताब्दी में बनाया गया यह लोकनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जगन्नाथ पुरी के प्रसिद्ध मंदिरों में यह शिव भगवान का प्रसिद्ध मंदिर जाना जाता है इस मंदिर की स्थापना भगवान राम के द्वारा की गई थी। यह मंदिर संगमरमर पत्थर से बना हुआ है बाकी के अन्य मंदिर परिसर का हिस्सा बलुआ पत्थर से बनाए गए है। यहां मंदिर के गर्भ ग्रह में शिवलिंग विराजमान है। जिसके ऊपर प्राकृतिक रूप का एक भव्य झरना निरंतर बहता रहता है। भगवान शिव की निरंतर जलधारा बहती रहती है। जो अपने आप में बहुत अलौकिक है। जब यह पर शिवरात्रि का पावन त्यौहार मनाया जाता है तो इस झरने के द्वारा चढ़े हुए जल को पूरा बाहर निकाल दिया जाता है ताकि बाहर से आने वाले सभी भक्तों को शिवलिंग के स्पष्ट रूप से दर्शन हो सके। साल में स्पष्ट रूप से शिवलिंग केवल मंगलवार से शनिवार को ही भक्तगण दर्शन के लिए देख सकते हैं।
3. विमला मंदिर
जगन्नाथ पुरी में स्थित विमल मंदिर रोहिणी कुंड तालाब के पास स्थित है। यह जगन्नाथ मंदिर परिसर के अंदर ही मौजूद एक बहुत छोटा सा मंदिर है। लेकिन यह मंदिर भी विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर को देवी विमला पर समर्पित किया गया है। यह एक प्रमुख शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर में स्थापत्य शैली का प्रयोग और देवल शैली का प्रयोग किया गया है। भगवान जगन्नाथ की पत्नी के रूप में विमल मंदिर को बनाया गया है। भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर की यह देवी संरक्षक देवी मानी जाती है।
अगर आप जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद विमल मंदिर के दर्शन नहीं करते हैं तो आपके दर्शन का फल आपको नहीं मिलेगा। जगन्नाथ पुरी के मंदिर से मिलने वाले महाप्रसाद को भी पवित्र विमला देवी मंदिर की पूजा करने के बाद ही माना जाता है। पहली बार जब विमला देवी मंदिर के दर्शन करने जाते हैं तो वहां पर प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता विशाल दुर्गा मां का यह मंदिर भव्य रूप से बनाया गया है यहां अगर आप दर्शन करने के लिए जाते हैं तो यह मंदिर सुबह 5:00 से 1:00 बजे तक खुलता है और शाम को 4:00 से 11:30 तक आप विमल मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
4. साक्षी गोपाल मंदिर
साक्षी गोपाल मंदिर कालिंग शैली में बना हुआ भगवान कृष्ण का मंदिर है। यह मध्यकालीन युग में बनाया गया था जो भगवान कृष्ण के स्वरूप गोपीनाथ को पूर्ण रूप से समर्पित है। भगवान श्री कृष्णा का यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुख्य रूप से अपने प्रसाद के लिए जाना जाता है। यहां पर भोजन प्रसाद में चावल की जगह गेहूं से बने हुए प्रसाद का भोग लगता है। मंदिर में आंवला नवमी पर विशेष उत्सव आयोजित किया जाता है।
5. गुंडिचा मंदिर
जगन्नाथ पुरी का प्रसिद्ध मंदिर गुंडिचा मंदिर परिसर से मात्र 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। मंदिर में 9 दिन तक भगवान श्री कृष्णा अपनी बहन और भाई के साथ में त्रिमूर्ति के रूप में स्थापित होते हैं। मंदिर के रथ यात्रा से जब वापस अपने घर जाते हैं और 7 दिनों तक वहाँ पर आराम करते हैं इस मंदिर का निर्माण भरे बलवा पत्थर से किया गया है और मंदिर में कलिंग वास्तु कला बनाया गया है भगवान श्री कृष्ण के जीवन को दर्शाने वाली छवियों को इस मंदिर में आप देख सकते हैं मंदिर परिसर में भगवान श्री कृष्ण की सभी लीलाओं के बारे में भी बताया गया है मुख्य रूप से यह मंदिर रथ यात्रा उत्सव से जाना जाता है।
6 मारकंडेश्वर मंदिर
मारकंडेश्वर मंदिर जगन्नाथ पुरी का प्रसिद्ध मंदिर है यह वह मंदिर है जिसमें ऋषि मारकंडे के द्वारा घोर तपस्या की गई थी मार्कंडेय ऋषि ने जगन्नाथपुरी में पांच प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से इस मंदिर में ध्यान किया इसलिए यह प्रसिद्ध मंदिर है। भगवान शिव की पूजा के लिए 52 प्रसिद्ध स्थान का यह एक प्रमुख स्थान माना गया है। यहां पर मंदिर में जैसे ही प्रवेश करते हैं तो 10 भुजाओं वाले नटराज की मूर्ति अलौकिक शोभा लिए विराजमान है। यहां पर आप भगवान शिव माता पार्वती गणेश जी कार्तिकेय की जटिल मूर्तियों को देख सकते हो। मंदिर के हर कोने में भगवान के अलग-अलग अवतार प्रदर्शित किए गए हैं। मंदिर के साइड में मारकंडे सरोवर में पानी की एक बड़ी टंकी है यह मंदिर जगन्नाथ पुरी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना गया है यहां पर बड़े-बड़े धार्मिक त्योहार और बड़े-बड़े अनुष्ठान का आयोजन भी किया जाता है।
7. अलरनाथ मंदिर
भगवान जगन्नाथ जी आषाढ़ महीने में पूरी तरह से हिंदू कैलेंडर के अनुसार जब असर महीना पड़ता है तो वह जगन्नाथ पुरी मंदिर छोड़ देते हैं। इस एक महीने के समय को अनावासर कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि अवसर की कमी। इस एक समय के दौरान भगवान जगन्नाथ ब्रह्मगिरि के अलारनाथ मंदिर में अलर नाथ देव के रूप में प्रकट हो जाते हैं। अलारनाथ भगवान विष्णु का ही स्वरुप है और यह मंदिर उन्हीं को ही समर्पित किया गया है। जो उनके पीठासीर देवता है। इस चतुर्भुज देवता की मूर्ति में चक्रासन, गदा, कमल सब देखने को मिलते हैं। यहां पर चंदन यात्रा के दौरान चंदन उत्सव होता है जो की 21 दिन तक चलता है यह मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिर है।
निष्कर्ष
तो ये है जगन्नाथ पुरी के विश्व प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples Of Jagannath Puri Odisha). आप जब भी इन मंदिर के दर्शन करने जाए तो ऊपर बताई गई बातो का ध्यान रखे. अगर आप इन मंदिर से जुडी और भी जानकारी लेने के इच्छुक है तो हमे जरुर बताएं. हम आपके सभी प्रश्नों का उत्तर जल्द देंगे. Follow MyChalisa.com for more!